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बुद्धि परीक्षणों के प्रकार : व्यक्तिगत और सामूहिक

इस आर्टिकल में बुद्धि परीक्षण के प्रकार या बुद्धि परीक्षण का वर्गीकरण किया गया है। बुद्धि परीक्षण का इतिहास, व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण (बिने साइमन बुद्धि परीक्षण, स्टैनफोर्ड बिने स्केल, पोर्टियस भूल भुलैया टेस्ट, वैश्लर वेलेव्यू टेस्ट)।

सामूहिक बुद्धि परीक्षण (आर्मी अल्फा परीक्षण, सेना सामान्य वर्गीकरण टेस्ट, शिकागो अशाब्दिक परीक्षण) निष्पादन परीक्षण, भाटिया बुद्धि परीक्षण, बुद्धि परीक्षण की शिक्षा में भूमिका आदि टॉपिक पर चर्चा की गई है।

बुद्धि परीक्षण का इतिहास

1905 में अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) ने मानसिक परीक्षा का निर्माण किया और उसके पश्चात अनेक बुद्धि परीक्षाएँ, जैसे आर्मी अल्फा टेस्ट, कामथ दवारा निर्मित बुद्धि परीक्षण आदि बने। ये बुद्धि परीक्षण व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में ही बालकों पर प्रशासित किए जाते थे। इसके आधार पर बुद्धि परीक्षणों को 3 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।

बुद्धि परीक्षणों का वर्गीकरण (Types of Intelligence Test in hindi)

बुद्धि परीक्षणों के अंतर्गत व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण (Individual Intelligence Test), सामूहिक बुद्धि परीक्षण (Group Test of Intelligence) और निष्पादन परीक्षण (Performance Intelligence Test) आते हैं जो की शाब्दिक और अशाब्दिक होते हैं। इन बुद्धि परीक्षणों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से है :

व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण

व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण का प्रारंभ बिने (Binet) ने किया। इन बुद्धि परीक्षणों का प्रशासन एक समय में एक ही व्यक्ति पर किया जा सकता है। बिने का बुद्धि परीक्षण तथा उसके समस्त संशोधन बुद्धि के व्यक्तिगत परीक्षण हैं।

इस प्रकार के परीक्षणों में एक-एक बालक को बुलाकर उसकी परीक्षा ली जाती है। इन परीक्षणों के माध्यम से निकाले गए निष्कर्ष विश्वसनीय होते हैं। परीक्षक परीक्षार्थी के व्यवहार का सूक्ष्मता से अध्ययन कर पाता है और आवश्यकता पड़ने पर वह बालक को मानसिक एवं संवेगात्मक गुण दोषों का अध्ययन करके व्यक्तिगत रूप से उन्हें परामर्श भी दे सकता है।

ये व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण दो प्रकार के होते हैं : अशाब्दिक और शाब्दिक परीक्षण।

अशाब्दिक या क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण (nonverbal tests of intelligence)

अशाब्दिक वे परीक्षाएं होती है जिनमें केवल कागज पेंसिल से कुछ काम करना होता है। जैसे चित्र बनाना आदि। पढ़ना लिखना आदि कुछ नहीं होता। इन्हें पेपर पेंसिल परीक्षण (PPT) भी कहा जाता है।

वर्तमान में राजकीय विद्यालय में चल रहे सीसीई (CCE) कार्यक्रम (सतत एवं व्यापक मूल्यांकन) के तहत पाक्षिक/साप्ताहिक रूप से यही परीक्षण लिया जाता है। बिना पढ़े लिखे बालक इन्हें कर सकते हैं।

इसके द्वारा मूर्त बुद्धि की परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा विधि में वास्तविक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है और परीक्षार्थियों से कुछ समस्या पूर्ण कार्य करने को दिया जाता है।

जैसे चित्रों के बिखरे हुए टुकड़ों को क्रम में लगाकर चित्रों को पूरा करना, किसी दिए हुए चित्र में असंभव बातों को बताना, तिकोनी, चौकोर और गोल वस्तुओं के टुकड़ों को रखकर आकृति को पूरा करना, भूल भुलैया में से होकर बाहर जाने का मार्ग बताना आदि।

शाब्दिक या भाषात्मक परीक्षण (verbal tests of intelligence)

इस परीक्षण में भाषा का पढ़ सकना व समझना आवश्यक होता है। यह किसी एक भाषा में लिखित रूप में होते हैं। केवल इन परीक्षणों को वही बालक कर पाते हैं जो उस भाषा के जानकार होते हैं।

इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह ज्ञात करना होता है कि व्यक्ति को पढ़ने लिखने का कितना ज्ञान है। उसे प्रश्नों के उत्तर लिखकर उसके सामने गोला या गुणा का चिन्ह बना कर या रेखांकित करके देने पड़ते हैं। व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में प्रमुख रूप से निम्न है :

बिने साइमन बुद्धि परीक्षण (शाब्दिक)

व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण का सर्वप्रथम सफल प्रयास का श्रेय अल्फ्रेड बिने को है। वह पेरिस विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर था। सन् 1900 के लगभग उस नगर के प्राथमिक विद्यालयों के प्रबंधकों ने उससे ऐसे बालकों का पता लगाने में सहायता मांगी जो मंदबुद्धि थे ताकि उनको शिक्षा प्राप्त करने के लिए विशिष्ट विद्यालयों में भेजा जा सके।

बिने ने इस कार्य में अपने सहयोगी मनोवैज्ञानिक साइमन से सहायता ली। दोनों मनोवैज्ञानिकों ने अनेक परीक्षाओं के बाद 1905 में अपनी परीक्षा विधि प्रकाशित की जिसे बिने साइमन बुद्धि स्केल कहा जाता है। उन्होंने इसको 1908 में और फिर 1911 में परिवर्तित करके पूर्ण बनाने का प्रयास किया।

बिने साइमन बुद्धि परीक्षण (Binet Simon Intelligence Scales) 3 से 15 वर्ष तक के बालकों के लिए थी। यदि बालक अपनी आयु के लिए निर्धारित सब प्रश्नों के उत्तर दे देता है तो उसे साधारण बुद्धि वाला माना जाता है। यदि वह अपनी आयु से अधिक वाले बालकों के प्रश्नों के उत्तर देता है तो उसे श्रेष्ठ बुद्धि वाला समझा जाता है। यदि अपनी आयु के लिए निर्धारित प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाता है तो वह मंदबुद्धि समझा जाता है।

स्टैनफोर्ड बिने स्केल (शाब्दिक)

लंदन में बर्ट (Burt) और अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टरमन (Terman) ने बिने के परीक्षण के दोषों को दूर करके 1916 में उसे एक नया रूप दिया जो स्टैनफोर्ड बिने स्केल के नाम से जाना जाता है। उसने 1937 में और फिर 1960 में अपने सहयोगी मैरिल (Merrill) की सहायता से उसे पूर्णतः निर्दोष बना दिया। यह स्केल 2 से 14 वर्ष तक के बालकों के लिए था जिसमें कुल 90 प्रश्नावली थी।

पोर्टियस भूल भुलैया टेस्ट (अशाब्दिक)

पोर्टियस भूल भुलैया परीक्षण हवाई मनोविज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टेनली पोर्टियस द्वारा विकसित किया गया था। यह परीक्षा 3 से 14 वर्ष तक के बालकों के लिए है।

भूल भुलैया का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि वे आयु की बुद्धि के साथ-साथ क्रमशः जटिलतर होती जाती है। जिस बालक की परीक्षा ली जाती है उसे एक पेंसिल और कागज पर बना हुआ भूल भुलैया का एक चित्र दे दिया जाता है। बालक को पेंसिल से उसमें से बाहर निकलने का निशान लगाकर भाग अंकित करना पड़ता है।

पोर्टियस भूल भुलैया टेस्ट
पोर्टियस भूल भुलैया टेस्ट

वैश्लर वेलेव्यू टेस्ट (शाब्दिक और अशाब्दिक)

वैश्लर वेलेव्यू परीक्षण का निर्माण 1944 में 10 से 60 वर्ष तक की आयु के व्यक्तियों की बुद्धि परीक्षा लेने के लिए किया गया था।

इसमें पांच मौखिक और पांच क्रियात्मक परीक्षण होते हैं।अर्थात यह टेस्ट शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों तरह का होता है। व्यस्कों की बुद्धि परीक्षा लेने के लिए इसका बहुत प्रचलन है। इसमें मानसिक आयु (Mental Age) निकालने के दोषों को दूर कर दिया गया है।

अन्य प्रमुख व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण :

  • मैरिल पामर मानसिक परीक्षण (शाब्दिक)
  • मिनेसोटा पुर्व विद्यालय परीक्षण(अशाब्दिक)
  • जैसिल विकास सूची
  • बेटेके तर्कशक्ति परीक्षण

सामूहिक बुद्धि परीक्षण

सामूहिक बुद्धि परीक्षण (Group Intelligence Test) का आरंभ प्रथम विश्वयुद्ध (1914-18) के समय अमेरिका में हुआ। कारण यह था कि वहां की सरकार व्यक्तियों की मानसिक योग्यता के अनुसार ही उनको सेना में सैनिकों, अफसरों और अन्य कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति करना चाहती थी।

बुद्धि के सामूहिक परीक्षणों से आशय ऐसे परीक्षणों से है जिनका उपयोग एक समय में बालकों के एक बड़े समूह पर किया जा सके। पूर्व में सेना, अनुसंधान, उद्योग एवं विद्यालयों में इनका प्रशासन किया जाता था। प्रायः यह शाब्दिक होते हैं

अतः इनका उत्तर देने के लिए भाषा ज्ञान आवश्यक होता है किंतु कुछ परीक्षण अशाब्दिक भी होते हैं। इस रूप में सामूहिक परीक्षण भी दो प्रकार के हैं। अशाब्दिक तथा शाब्दिक परीक्षण। कुछ सामूहिक परीक्षण निम्न है :

आर्मी अल्फा परीक्षण (शाब्दिक)

आर्मी अल्फा परीक्षण (Army Alpha intelligence Test) का निर्माण अमेरिका में प्रथम विश्व युद्ध के समय सैनिकों और सेना के अन्य कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों का चुनाव करने के लिए किया गया था। इसका प्रयोग केवल शिक्षित व्यक्तियों के लिए किया जाता है।

सेना सामान्य वर्गीकरण टेस्ट (शाब्दिक)

सेना सामान्य वर्गीकरण टेस्ट (Army General Classification intelligence Test) का निर्माण अमेरिका में द्वितीय विश्व युद्ध के समय सेना के विभिन्न विभागों के लिए सैनिकों का वर्गीकरण करने के लिए किया गया था।

शिकागो अशाब्दिक परीक्षण

शिकागो अशाब्दिक परीक्षण (Chicago Non Verbal intelligence Test) 6 वर्ष की आयु से लेकर व्यस्कों तक के लिए है। यह 13 वर्ष की आयु के बालकों की बुद्धि परीक्षण लेने के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हुआ है।

अन्य प्रमुख सामूहिक बुद्धि परीक्षण :

  • आर्मी बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)
  • जलोटा सामान्य मानसिक योग्यता परीक्षण (शाब्दिक)
  • प्रयाग मेहता बुद्धि परीक्षण (शाब्दिक)
  • टरमेन ग्रुप टेस्ट ऑफ मेंटल मेच्योरिटी

निष्पादन परीक्षण

निष्पादन परीक्षण (Performance intelligence Test) से तात्पर्य है ऐसी परीक्षा जिसमें व्यक्ति को कुछ कार्य करने के लिए दिए जाते हैं जिसे वह अपने हाथों से ही करता है। जैसे चित्रों को एक क्रम में सजाना, कुछ गुटकों को लेकर उनसे एक नमूना बनाना, कोई वर्ग निर्माण करना अथवा चित्र पूर्ति करना आदि।

ये परीक्षाएं व्यक्तिक और अशाब्दिक ही होती है। इनमें भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता है। भाषा का प्रयोग केवल सूचना के लिए किया जाता है। सभी सूचनाएं संकेत द्वारा दी जाती है। ये परीक्षाएं अधिक विश्वसनीय मानी जाती है। विश्लेषण के माध्यम से बालक की बुद्धि तथा योग्यता का परीक्षण किया जाता है।

इन परीक्षणों में भाषा का प्रयोग नहीं होता अतः इन्हें अशिक्षित, विकलांग, गूंगे, बहरे आदि सभी प्रकार के बालकों पर प्रशासित किया जा सकता है। छोटे बच्चों के बुद्धि परीक्षण के लिए यह विशेष उपयोगी है। कुछ प्रमुख निष्पादन परीक्षण निम्न है :

भाटिया बुद्धि परीक्षण : भाटिया बैटरी परीक्षण भारत में प्रसिद्ध परीक्षण है। इसके अंतर्गत 5 परीक्षण है।

बुद्धि मापन की भाटिया बैटरी परीक्षण में 9 उप परीक्षण है :

  • कोह ब्लॉक डिजाइन परीक्षण
  • एलेक्जेंडर-पास एलॉग परीक्षण
  • आकृति चित्रण परीक्षण
  • आंकिक तत्कालिक स्मृति परीक्षण
  • चित्र रचना परीक्षण
  • गुड-एनफ निष्पादन परीक्षण
  • सेग्युअन आकृति फलक परीक्षण
  • हिली चित्र पूर्ति परीक्षण
  • प्रिण्टनर पैटरसन मापदंड

बुद्धि परीक्षण की शिक्षा में भूमिका

शिक्षा के क्षेत्र में बुद्धि परीक्षणों की भूमिका असंदिग्ध है, जिसे निम्न रूप में देखा जा सकता है :

  • व्यक्तिगत विभिन्नताओं की जानकारी हेतु।
  • मंदबुद्धि बालकों की जानकारी हेतु।
  • बालकों के वर्गीकरण हेतु।
  • शैक्षिक मार्गदर्शन हेतु।
  • व्यवसायिक मार्गदर्शन हेतु।
  • व्यक्तित्व की जानकारी हेतु।
  • प्रतिभाशाली बालकों की पहचान हेतु।
  • अधिगम क्रिया के मार्गदर्शन के लिए।
  • बालकों के व्यवहार संबंधी समस्याओं के समाधान में बुद्धि परीक्षण उपयोगी है।
  • छात्रों को छात्रवृत्ति देने आदि में बुद्धि को आधार बनाया जा सकता है।
  • बुद्धि परीक्षाओं का प्रयोग शोध कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • असामान्य बालकों का व्यक्तिक अध्ययन करते समय बुद्धि परीक्षण उपयोगी सिद्ध होते हैं।
  • मूल्यांकन की वैधता की जांच करने के लिए।
  • विधालय मे प्रवेश के समय तथा विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु।
  • विद्यालयी शैक्षिक गतिविधियों के लिए छात्रों का चयन करते समय।

अतः कहा जा सकता है कि संपूर्ण अधिगम प्रक्रिया का आधार बुद्धि है। इसी कारण बुद्धि परीक्षणों की अधिगम में महती भूमिका है।

गेट्स व अन्य विद्वानों ने सही कहा है, “बुद्धि परीक्षण व्यक्ति की संपूर्ण योग्यता का माप नहीं करती है परंतु वह उसके एक अति महत्वपूर्ण पहलू का अनुमान कराती है, जिसका शैक्षिक सफलता से और कुछ मात्रा में अधिकांश अन्य क्षेत्रों से निश्चित संबंध है। यही कारण है की बुद्धि परीक्षाएं शिक्षा की महत्वपूर्ण साधन बन गई है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. भाटिया बुद्धि परीक्षण क्या है?

    उत्तर : भाटिया बुद्धि परीक्षण एक निष्पादन परीक्षण (Performance intelligence Test) है। भाटिया बैटरी परीक्षण भारत में प्रसिद्ध परीक्षण है। इसके अंतर्गत 5 परीक्षण तथा 9 उप परीक्षण शामिल है।

  2. पहला व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण कौन सा है?

    उत्तर : व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण का सर्वप्रथम सफल प्रयास का श्रेय पेरिस विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) को है। बिने ने साइमन की सहायता से बिने साइमन बुद्धि परीक्षण तैयार किया।

  3. पेपर पेंसिल परीक्षण (PPT) क्या है?

    उत्तर : पेपर पेंसिल परीक्षण (PPT) एक अशाब्दिक या क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण (nonverbal tests of intelligence) है जिनमें केवल कागज पेंसिल से कुछ काम करना होता है। जैसे चित्र बनाना आदि। पढ़ना लिखना आदि कुछ नहीं होता।

My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).

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