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व्यक्तित्व (Personality) का अर्थ एवं परिभाषा

इस आर्टिकल में व्यक्तित्व का अर्थ (Personality Meaning in Hindi), व्यक्तित्व की परिभाषा (Personality Definition in Hindi), व्यक्तित्व के शीलगुण, ऑलपोर्ट, कैटिल और वुडवर्थ द्वारा निर्धारित शीलगुण आदि के बारे में चर्चा की गई है।

प्राय: ऐसा देखा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से रूप, गुण, प्रवृतियों, आदतों आदि में विभिन्नता रखता है। यह विभिन्नता जो उसे अन्य व्यक्तियों से अलग करती है, उस व्यक्ति विशेष की वैयक्तिकता कहलाती है।

सामान्य रूप से व्यक्तित्व [Personality] व्यक्ति के रूप, गुण, अभिरुचि, सामर्थ्य, योग्यता व व्यवहार आदि का संगठन है जो उसे अन्य व्यक्तियों से अलग करता है।

किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके आचार, व्यवहार, क्रियाओं व गतिविधियों आदि से आंका जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के अनुसार ही आचरण करता है।

इस रूप में व्यक्तित्व का अर्थ (Personality Meaning in Hindi) व्यक्ति के वातावरण से अनुकूलन करने के ढंग से लिया जा सकता है।

किंतु कुछ लोगों के अनुसार व्यक्ति की शारीरिक संरचना, उसका सौष्ठव एवं मुखाकृति ही उसका व्यक्तित्व है क्योंकि इनसे ही व्यक्ति को पहचाना जाता है।

किंतु वास्तव में व्यक्तित्व न केवल शारीरिक संरचना है और न ही केवल उसका आचार-व्यवहार जो उसे अन्य व्यक्तियों से अलग करता है।

व्यक्तित्व तो व्यक्ति की शारीरिक संरचना व उसके व्यवहार के ढंग का एक संकलित रूप है जो कि वातावरण में उसके विशिष्ट व्यवहार के रूप में प्रकट होता है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यक्तित्व एक जटिल संप्रत्यय है।

व्यक्तित्व का अर्थ (Personality Meaning in Hindi)

व्यक्तित्व अंग्रेजी के शब्द पर्सनैटिली (Personality) का  हिंदी रूपांतर है जो प्राचीन लेटिन भाषा के शब्द PERSONA से व्युत्पन्न है। परसोना शब्द का अर्थ उस समय थिएटर के नकाब (MASK) से लिया जाता था, जिसे लोग विभिन्न पत्रों की भूमिकाएं करने के लिए अपने चेहरों पर लगा लेते थे।

ग्रीक भाषा में इस नकाब के लिए प्रोसोपोन (PROSOPON) शब्द का प्रयोग किया जाता था और इसका प्रयोग भी नाटकों में अभिनय के लिए ही किया जाता था।

व्यक्तित्व की परिभाषा (Personality Definition in Hindi)

मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व को अपने-अपने ढंग से परिभाषित करने का प्रयास किया। कुछ परिभाषाएं निम्न प्रकार है :

वारेन ने अपनी कृति ‘एलिमेंट ऑफ साइकोलॉजी’ (Element of Psychology) मे कहा, “व्यक्तित्व व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन है जो उसके विकास की किसी अवस्था में होता है।”

मन के अनुसार, “व्यक्तित्व को किसी व्यक्ति की संरचना, व्यवहार के ढंग, रुचि, योग्यता एवं अभिरुचियों के एक विशेष संगठन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।”

केम्फ के अनुसार, “व्यक्तित्व उन अभ्यासों के रूपों का समन्वय है जो किसी वातावरण में व्यक्ति विशेष के समायोजन को प्रस्तुत करता है।”

वुडवर्थ के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के संपूर्ण व्यवहार की विशेषता है जिसका प्रदर्शन उसके विचारों की आदत व्यक्त करने के ढंग, अभिवृत्ति एवं रूचि, कार्य करने के ढंग एवं जीवन के प्रति उसकी दार्शनिक विचारधारा के रूप में किया जाता है।”

बर्गेस के अनुसार, “व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत स्वरुप है, जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है।”

वारेन शब्दकोश के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के संपूर्ण संज्ञानात्मक, भावात्मक, क्रियात्मक एवं भौतिक (शारीरिक) विशेषताओं का एकीकृत संगठन है जो इसे दूसरों से केंद्रीय विभाजक के रूप में प्रकट करता है ।”

व्यक्तित्व की उपयुक्त परिभाषाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं :

पर्सनालिटी क्या है (Personality in Hindi)

कुछ मनोवैज्ञानिकों जैसे वारेन आदि ने व्यक्तित्व को व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन कहां है और इसे विकास की अवस्थाओं से संबंध किया है।

कुछ मनोवैज्ञानिकों जैसे मन आदि ने व्यक्तित्व को व्यक्ति के व्यवहार करने के तरीके, अभिरुचियों, अभियोग्यता व अभिवृत्ति के एक विशेष संगठन के रूप में परिभाषित किया है।

केम्फ जैसे मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति का अपने वातावरण में समायोजन करना बताया है।

कुछ मनोवैज्ञानिकों के अनुसार व्यक्तित्व व्यक्ति के व्यवहार की विशेषता है जो उसके कार्य करने के तरीके एवं जीवन के रूप में उसकी विचारधारा के रूप में प्रकट होती है।

ये सभी परिभाषाएं व्यक्तित्व की अलग-अलग विशेषताओं पर प्रकाश डालती है किंतु इनमें से कोई भी परिभाषा संपूर्ण व्यक्तित्व को एक इकाईवत् परिभाषित करने में सक्षम नहीं है।

एक सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक ऑलपोर्ट ने अपनी कृति ‘पर्सनैलिटी ए साइकोलॉजिकल, इंटरप्रिटेशन’ (personality a psychological interpretation) मैं व्यक्तित्व की एक सर्वमान्य परिभाषा दी है जो इसकी सभी विशेषताओं को समाहित किए हुए हैं :

ऑलपोर्ट के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के उन समस्त मनोशारीरिक तंत्रों का वह आंतरिक गत्यात्मक संगठन है जो कि पर्यावरण में उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है।”

ऑलपोर्ट की यह परिभाषा व्यक्तित्व के समस्त लक्षणों को स्पष्ट करती है। संक्षेप में इस परिभाषा के निम्नलिखित महत्वपूर्ण तत्व हैं :

  • गत्यात्मक संगठन (Dynamic Organization)
  • मनोशारीरिक तंत्र (Psychic System)
  • निर्धारण (Determination)
  • अपूर्व अथवा विशिष्ट
  • वातावरण के साथ समायोजन

इस प्रकार व्यक्तित्व से संबंधित ऑलपोर्ट की परिभाषा एक संपूर्ण परिभाषा कही जा सकती है जिसमें व्यक्तित्व की उन समस्त विशेषताओं को स्पष्ट किया गया है जो व्यक्तित्व के संप्रत्यय को पूर्णता प्रदान करती है।

निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि व्यक्तित्व शारीरिक, मानसिक, भावात्मक व बौद्धिक सभी गुणों का एक समन्वित स्वरूप है।

व्यक्तित्व के शीलगुण (Traits of Personality in Hindi)

प्राचीन काल से ही मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व के वर्गीकरण के लिए व्यक्तियों की शारीरिक संरचना एवं उसके सामान्य गुणों को आधार बनाया है और उनके लक्षण को स्पष्ट किया है।

वास्तव में शील गुण किसी व्यक्ति की एक ऐसी स्थाई विशेषता है जिसके द्वारा विभिन्न दिशाओं में व्यक्ति लगभग समान व्यवहार करता है। शील गुणों के आधार पर व्यक्ति का व्यवहार निर्देशित होता है। इन्हें प्रत्यक्ष रुप से तो नहीं देखा जा सकता किंतु इनका अनुमान अवश्य लगाया जा सकता है।

गार्डनर और मर्फी के अनुसार, “व्यक्तित्व के शीलगुण दूसरे व्यक्तियों तथा स्वयं अपने को समझने की योग्यता प्रदान करते हैं तथा इन्हीं के आधार पर हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि हममें से प्रत्येक क्या कार्य करेगा।”

ऑलपोर्ट तथा कैटिल ने सर्वप्रथम शील गुणों की संख्या निर्धारित की। ऑलपोर्ट ने अंग्रेजी शब्दकोश में से 17956 शब्द ढूंढे जो किसी न किसी प्रकार व्यक्तित्व को इंगित करते थे। बाद में इनकी संख्या 4500 कर दी गई और इनके आधार पर 171 पुंज बनाए गए। धीरे-धीरे इन्हें 35 और बाद में 12 शील गुणों में सीमित किया गया।

ऑलपोर्ट और कैटिल द्वारा निर्धारित शीलगुण

ऑलपोर्ट तथा कैटिल के अनुसार व्यक्तित्व के शील गुण
ऑलपोर्ट तथा कैटिल के अनुसार व्यक्तित्व के शील गुण

गैरेट ने भी शील गुणों से संबंधित अध्ययन किया और कहा, “व्यक्तित्व के शीलगुण व्यवहार करने के विभिन्न तरीके हैं और प्राय: ये व्यक्ति में स्थाई होते हैं।

व्यक्तित्व के गुण व्यवहार के बहुसंख्यक स्वरूपों का वर्णन करने की स्पष्ट और संक्षिप्त विधियाँ है।” गैरेट ने 12 प्रधान गुण बताएं हैं जो एक दूसरे से स्वतंत्र हैं और इनके विपरीत गुण भी विद्यमान हैं। वुडवर्थ भी इसी प्रकार 12 प्रधान व विपरीत गुण बताएं हैं जो इस प्रकार है :

वुडवर्थ कि शील गुणों की सूची

प्रधान गुणविपरीत गुण
प्रसन्नचित, मिलनसारउदास, झेंपने वाला
बुद्धिमानमूर्ख
सांवेगिक स्थिर, यथार्थवादीअस्थिर, पलायनवादी
अधिकार प्रिय, गौरवशालीआज्ञाकारी, गौरवरहित
शांत, सामाजिकउद्विग्न, एकांतप्रिय
भावुक, कोमल हृदयभावनाशून्य, कठोर हृदय
शिष्ट, सौंदर्य प्रेमीअशिष्ट, भद्दा
परिश्रमी, उत्तरदाईदूसरों पर निर्भर, अनुत्तरदाई
साहसी, बेफिक्रउत्साहहीन, सतर्क
तेज, शिघ्र कार्य करने वालासुस्त, ढीला-ढाला
अत्तिउत्तेजित, चिड़चिड़ाशिघ्र उत्तेजित होने वाला, सहनशील
मित्रवत, विश्वासपात्रशत्रुवत, संदेहशील

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. व्यक्तित्व की सबसे अच्छी परिभाषा क्या है?

    उत्तर : ऑलपोर्ट के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के उन समस्त मनोशारीरिक तंत्रों का वह आंतरिक गत्यात्मक संगठन है जो कि पर्यावरण में उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है।”

  2. व्यक्तित्व क्या है?

    उत्तर : व्यक्तित्व शारीरिक, मानसिक, भावात्मक व बौद्धिक सभी गुणों का एक समन्वित स्वरूप है।

  3. “व्यक्तित्व व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन है जो उसके विकास की किसी अवस्था में होता है।” व्यक्तित्व की यह परिभाषा किसने दी थी?

    उत्तर : वारेन ने अपनी कृति ‘एलिमेंट ऑफ साइकोलॉजी’ (Element of Psychology) मे कहा, “व्यक्तित्व व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन है जो उसके विकास की किसी अवस्था में होता है।”

My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).

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