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क्यूबा मिसाइल संकट शीतयुद्ध का चरम बिन्दु था? स्पष्ट कीजिए।

क्यूबा मिसाइल संकट शीतयुद्ध का चरम बिन्दु था? स्पष्ट कीजिए।

Answer :
सन् 1958 में क्यूबा में फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में साम्यवाद की स्थापना हुई। सन् 1961 में सोवियत संघ के नेताओं को यह चिंता सता रही थी कि अमेरीका क्यूबा पर आक्रमण न कर दे। इस कारण से सन् 1962 में सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें तैनात कर दी और अपना सैनिक अड्डा स्थापित कर लिया।
जब इस घटना का पता अमेरिका को चला तो अमेरिका ने इसे अपनी सम्प्रभुता पर खतरा माना और अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी ने क्यूबा की नाकेबंदी करवा दी और सोवियत संघ को चेतावनी दी कि या तो सोवियत संघ क्यूबा से अपना सैनिक अड्डा हटा ले या फिर युद्ध के लिये तैयार हो जाये। यह युद्ध परमाणु युद्ध या तीसरा विश्व युद्ध होगा।
इसके बाद सोवियत नेता खुश्चेव ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए क्यूबा से अपना सैनिक अड्डा हटाने पर सहमत हो गये। इस प्रकार क्यूबा मिसाइल संकट शीत युद्ध का चरम बिन्दु था जो कि तीसरा विश्व युद्ध का कारण बन सकता था। कैनेडी ने खुश्चेव के इस निर्णय को एक महान राजनेता का निर्णय कहा।

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