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एम एन रॉय ने रेडिकल ह्यूमेनिस्ट (उग्र मानवताद) की अवस्था के दौरान समर्थन किया :

एम एन रॉय ने रेडिकल ह्यूमेनिस्ट (उग्र मानवताद) की अवस्था के दौरान समर्थन किया : A द्विदलीय व्यवस्था का B एक दलीय व्यवस्था का C दलविहीन व्यवस्था का

एम एन रॉय ने रेडिकल ह्यूमेनिस्ट (उग्र मानवताद) की अवस्था के दौरान समर्थन किया :

A
द्विदलीय व्यवस्था का
B
एक दलीय व्यवस्था का
C
दलविहीन व्यवस्था का
D
बहुदलीय व्यवस्था का
Answer:

The Correct Option is C. दलविहीन व्यवस्था का

Details
एम एन रॉय ने 19वीं सदी के उदारवादी लोकतन्त्र को एक ऐसा औपचारिक लोकतन्त्र माना जिसके अन्तर्गत अधिकांश लोगों की स्थिति निर्जीव अणुओं के समान होती है, जन साधारण का सार्वजनिक मामलों के प्रशासन में कोई हाथ नहीं होता, प्रशासनिक शक्तियाँ कुछ मुट्ठी भर नेताओं के हाथ में केन्द्रित होती हैं और वे अपने-अपने दलों के हित-साधन में लगे रहते हैं।
विश्व के बहुसंख्यक राजनेता और विद्वान पॉलिटिकल पार्टी को लोकतन्त्र की अनिवार्यता मानते हैं वहाँ राय ने सच्चे लोकतन्त्र की स्थापना के लिए पॉलिटिकल पार्टीयों के कार्य करने की शैली को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि यदि नैतिक उत्थान करना है तो वर्तमान दल-पद्धति (Party System) को समाप्त करना ही होगा। विश्व के नैतिक पतन का एक मूल कारण यह वर्तमान दल पद्धति ही है।
राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियानों द्वारा जन साधारण को वास्तविक राजनीतिक शिक्षा नहीं देते, अपितु राजनीतिक चालबाजियाँ और कुशिक्षा सिखाते हैं। इन दलों से जन साधारण में विवेक भावना जाग्रत न होकर उनकी उच्छृखल भावनाएँ उमड़ती हैं। ये दल जनता को उकसा कर इस प्रकार का वातावरण पैदा करते हैं जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर विवेकपूर्ण विचार सम्भव नहीं होता। राजनीतिक दलों का उद्देश्य केवल शासन और सत्ता के लिए छीना झपटी करना है, उन्हें जनता के वास्तविक हितों की कोई परवाह नहीं होती। अपनी हित-पूर्ति के लिए नैतिकता और न्याय की बलि चढ़ा दी जाती है।
एम एन रॉय ने कहा कि सच्चे लोकतन्त्रवाद की रक्षा करनी है तो उसे दल रहित बनाना होगा अर्थात् एक दल विहीन लोकतन्त्र की स्थापना करनी होगी और सार्वजनिक मामलों के प्रशासन में जन साधारण को अधिकाधिक भाग लेना होगा। राय ने अपने इस प्रकार के लोकतन्त्र का नाम संगठित लोकतन्त्र (Organised Democracy) रखा है।
और अधिक पढ़ें : एम एन रॉय : भारतीय मानवतावादी चिंतक

My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).

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