इस आर्टिकल में खेल विधि पर आधारित शिक्षण पद्धतियां (Play Way Method in hindi) जैसे किंडरगार्टन पद्धति, मोंटेसरी पद्धति, ह्यूरिस्टिक पद्धति, प्रोजेक्ट पद्धति, डाल्टन पद्धति आदि पर चर्चा की गई है।
खेल विधि क्या है
खेल प्रणाली का जन्मदाता फ्रोबेल (froebel) को माना जाता है। परंतु आधुनिक युग में हेनरी काल्डवेल कुक (Henry Caldwell Cook) संभवत: पहला व्यक्ति था जिसने बालक को शिक्षा देने के लिए इस प्रणाली का प्रबल समर्थन किया।
इस प्रणाली में अपना दृढ़ विश्वास प्रकट करते हुए काल्डवेल ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि केवल वही कार्य करने के योग्य है जो वास्तव में खेेल है, क्योंकि खेेल से मेरा अभिप्राय किसी कार्य को पूर्ण हृदय के साथ करना है।”
काल्डवेल ने बताया कि बालक कार्य को पूर्ण हृदय से तभी करता है जब वह खेल में होता है। अतः उसके प्रत्येक कार्य के लिए खेल की विधि को अपनाना अनिवार्य है।
खेल द्वारा किए जाने वाले कार्य से बालक की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शक्तियां क्रियाशील होती है। उनके कार्य और विचार में सामंजस्य स्थापित होता है और वह प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।
इस प्रकार काल्डवेल ने शिक्षण की एक नई विधि आरंभ कि जिसे ‘खेल विधि’ या ‘खेल प्रणाली’ (Play Method) कहा जाता है।
इस विधि का अर्थ स्पष्ट करते हुए ह्यूजेज व ह्यूजेज (Hughes & Hughes) ने लिखा है, “वह विधि जो बालक को उसी उत्साह से सीखने की क्षमता देती है जो उसके स्वाभाविक खेल में पाई जाती है, प्राय: खेल विधि कहलाती है।”
खेल विधि पर आधारित शिक्षण पद्धतियां
Play Way Based on Teaching Methods in hindi :
किंडरगार्टन पद्धति (Kindergarten Method in hindi)
किंडरगार्टन पद्धति फ्रोबेल (froebel) द्वारा प्रतिपादित की गई है। किंडरगार्टन का शाब्दिक अर्थ होता है ‘बच्चों का उद्यान’। इस पद्धति में बालक को खेल गीतों और उपहारों (Play Songs and Gifts) द्वारा शिक्षा दी जाती है। अधिकांश देशों में बालवाड़ी (kindergarten) प्रारंभिक बचपन की शिक्षा की प्रणाली का हिस्सा है।
भारत में इसे आंगनबाड़ी (aanganvari) भी कहा जाता है और लोवर किंडरगार्टन (LKG) और अपर किंडरगार्टन (UKG) भी इसी का हिस्सा है। 4 साल तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
मोंटेसरी पद्धति (Montessori Method in hindi)
मोंटेसरी पद्धति मारिया मोंटेसरी (Maria Montessori in hindi) द्वारा प्रतिपादित की गई है। इस पद्धति में बालक विभिन्न प्रकार के उपकरणों से खेलकर अक्षरों, अंकगणित, रेखागणित आदि का ज्ञान प्राप्त करता है। खेल ही उसकी विभिन्न ज्ञानेंद्रियों को प्रशिक्षित करता है।
मोंटेसरी के अनुसार बच्चे को शिक्षा उनकी कर्मेंद्रियों और ज्ञानेंद्रियों द्वारा दी जानी चाहिए और अंत में भाषा शिक्षण पर ध्यान देना चाहिए। भारत में इस शिक्षा का प्रचलन अधिक है क्योंकि मारिया मोंटेसरी ने स्वयं भारत में 10 वर्ष तक (1949 तक) रहकर प्रचार किया था।
ह्यूरिस्टिक पद्धति (Heuristic Method in hindi)
ह्यूरिस्टिक पद्धति आर्मस्ट्रांग (Armstrong) द्वारा प्रतिपादित की गई है। इस पद्धति में बालक-शिक्षक, निरीक्षण यंत्रों और पुस्तकों की सहायता से स्वयं ज्ञान का अर्जन करता है।
नन (Nunn) के अनुसार, “क्योकी ह्यूरिस्टिक पद्धति का उद्देश्य बालक को मौलिक अन्वेषक की स्थिति में रखना है, इसलिए यह स्पष्ट रूप से खेल विधि है।”
इस पद्धति में बालक निरीक्षण तथा प्रयोग से स्वयं खोज करता है और निष्कर्ष निकालता है। शिक्षक एक विशेषज्ञ, मार्गदर्शक, मनोवैज्ञानिक, परामर्शदाता की भूमिका में होता है।
प्रोजेक्ट पद्धति (Project Method in hindi)
प्रोजेक्ट पद्धति जॉन डीवी Jon Divi (प्रयोजनवाद) की विचारधारा पर आधारित है। यह पद्धति किलपैट्रिक (Kilpatrick) द्वारा प्रतिपादित की गई है। इस पद्धति में बालक किसी योजना को व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में पूर्ण करता है।
जैसे – मॉडल बनाना, अभिनय करना, कहानी पढ़ना या सुनाना आदि। इस पद्धति का उद्देश्य विद्यालय के वातावरण को रोचक बनाने, शिक्षार्थी द्वारा सीखे ज्ञान का दैनिक जीवन में उपयोग, शिक्षार्थी को सक्रिय रखने तथा अन्य कार्यों में रुचि लेने हेतु, बालक की रुचियां प्रवृत्तियों तथा आवश्यकताओं में सामंजस्य बिठाना है।
डाल्टन पद्धति (Dalton Method in hindi)
डाल्टन पद्धति मिस हेलेन पार्क हर्स्ट (Miss Helen Park Hurst) द्वारा प्रतिपादित की गई है। इस पद्धति के अनुसार कार्य करते समय बालक के ऊपर समय सारणी, कक्षा नियमों, वार्षिक और अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं के निर्देशों का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है।
डाल्टन योजना के दो मुख्य सिद्धांत हैं :
- विभिन्न विषयों के लिए निश्चित घंटों और समय सारणी के कठोर बंधनों को हटाकर छात्रों को स्वतंत्रतापूर्वक काम करने की सुविधा देना।
- बालक की रुचि जिस विषय में अधिक हो उसे उस विषय को जितनी देर तक वह चाहे, अध्ययन करने देना।
इन सिद्धांतों से स्पष्ट है कि यह योजना कोई नई शिक्षा योजना नहीं है वरन् एक नई प्रकार की विद्यालय व्यवस्था है। इसमें विषय तो वही पढ़ाए जाते हैं जो अन्य विद्यालयों में, किंतु इसमें पढ़ाई का ढंग, परिणाम और प्रकार अलग होता है।
अन्य खेल विधि पर आधारित शिक्षण पद्धतियां जैसे –
- विनेटेका योजना Winnetka plan – कार्लेटन वॉशबर्न
- गरी योजना Gary plan – William Albert Wirt
- बेसिक शिक्षा Basic Education – महात्मा गांधी आदि।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
खेल विधि का जनक कौन है?
उत्तर : खेल प्रणाली का जन्मदाता फ्रोबेल (froebel) को माना जाता है। परंतु आधुनिक युग में हेनरी काल्डवेल कुक (Henry Caldwell Cook) संभवत: पहला व्यक्ति था जिसने बालक को शिक्षा देने के लिए इस प्रणाली का प्रबल समर्थन किया।
खेल विधि पर आधारित शिक्षण पद्धति कौन कौन सी है?
उत्तर : खेल विधि पर आधारित शिक्षण पद्धतियां (Play Way Method in hindi) जैसे किंडरगार्टन पद्धति, मोंटेसरी पद्धति, ह्यूरिस्टिक पद्धति, प्रोजेक्ट पद्धति, डाल्टन पद्धति, विनेटेका योजना, गरी योजना, बेसिक शिक्षा आदि है।
किंडरगार्टन विधि किसकी है?
उत्तर : किंडरगार्टन पद्धति फ्रोबेल (froebel) द्वारा प्रतिपादित की गई है। किंडरगार्टन का शाब्दिक अर्थ होता है ‘बच्चों का उद्यान’। इस पद्धति में बालक को खेल गीतों और उपहारों (Play Songs and Gifts) द्वारा शिक्षा दी जाती है।