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127वां कंस्टीटूशन अमेंडमेंट बिल 2021

इस आर्टिकल में 127वां कंस्टीटूशनल अमेंडमेंट बिल 2021, 127वां संविधान संशोधन विधेयक, 2021, इस संशोधन विधेयक के संदर्भ में 102 वां संविधान संशोधन क्या है के बारे में चर्चा की गई है।

127वां संविधान संशोधन विधेयक

संसद में 12 अगस्त 2021 को (दोनों सदनों द्वारा) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला विधेयक ध्‍वनिमत से पारित हो गया। लोकसभा में 385 सदस्यों ने इसके समर्थन में मतदान किया। सदन में किसी भी सदस्‍य ने इस बिल के विपक्ष में मतदान नहीं किया।

इस 127वां कंस्टीटूशनल अमेंडमेंट बिल 2021 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदशों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा।

127वां संविधान संशोधन विधेयक, 2021 के आने के बाद राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र को OBC Reservation List तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा। अभी तक यह अधिकार केंद्र के पास था।

इस 127 वे संविधान संशोधन विधेयक में कहा गया है कि देश की संघीय ढांचे को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अनुच्छेद 342A का संशोधन करने और अनुच्छेद 338B एवं अनुच्छेद 366 में संशोधन करने की आवश्यकता है। यह विधेयक उपर्युक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये लाया गया है।

गौरतलब है कि इस विधेयक के माध्यम से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय से लेकर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय को ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने और उन्हें आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा।

मराठा आरक्षण पर रोक लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से इस तरह किसी भी समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। अदालत के इस फैसले से महाराष्ट्र में मिला मराठा आरक्षण रद्द हो गया था और राज्य में आंदोलन होने शुरू हो गए थे। इसके बाद सरकार यह संशोधन विधेयक लाई है।

इससे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की राह आसान होगी। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी प्रदेश सरकारों को अपने मुताबिक सूची तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा।

इस संशोधन विधेयक के संदर्भ में 102 वां संविधान संशोधन विधेयक 2018 क्या है

इसी वर्ष 5 मई 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण पर पुर्नविचार याचिका पर सुनवाई करने की मांग खारिज कर दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद OBC लिस्ट जारी करने का अधिकार केवल केंद्र के पास है।

102वां संविधान संशोधन नौकरियों एवं दाखिले में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है।

वर्ष 2018 के 102वें संविधान संशोधन अधिनियम में अनुच्छेद 338B जोड़ा गया था जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के ढांचे, कर्तव्यों और शक्तियों से संबंधित है जबकि 342A किसी विशिष्ट जाति को OBC अधिसूचित करने और सूची में बदलाव करने के संसद के अधिकारों से संबंधित है।

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