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हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल : भारतेंदु युग

इस आर्टिकल में हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल में भारतेंदु युग (1857-1900), भारतेंदु युग की विशेषताएं, भारतेंदु युग के कवि और रचनाएं आदि टॉपिक पर चर्चा।

भारतेंदु युग - 1857 से 1900

हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को 6 भागों में विभाजन किया गया है -

  1. भारतेंदु युग 1857 से  1900
  2. द्विवेदी युग 1919 से 1918
  3. छायावाद 1918 से 1936
  4. प्रगतिवाद 1936 से 1943
  5. प्रयोगवाद 1943 से 1954
  6. नई कविता 1954  अब तक

भारतेंदु युग की विशेषताएं

  • श्रृंगार का चित्रण - ब्रजभाषा
  • भक्ति भावना - कृष्ण भक्ति ब्रजभाषा
  • संसार की असारता (संबंधों की व्यर्थता)
  • राष्ट्रीय चेतना
  • हास्य व्यंग्य
  • प्रकृति चित्रण
  • गद्य विधा का प्रारंभ - खड़ी बोली का प्रयोग
  • राष्ट्रीयता का प्रयोग

शिल्पपक्ष - काव्य ब्रजभाषा में, गद्य खड़ी बोली में।

अलंकार - परंपरागत अलंकारों का प्रयोग।

छंद - कवित, सवैया और पद।

👉 भारतेंदु युग में प्रबंध काव्य कम लिखे गये। जो लिखे गए थे वे प्रसिद्धि नहीं प्राप्त कर सके। मुक्त कविताएं ज्यादा लोकप्रिय हुई।

👉 भारतेंदु मंडल के रचनाकारो का मूल स्वर नव जागरण है। नव जागरण की पहली अनुभूति हमें भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाओं में मिलती है। 

भारतेंदु मंडल के कवि

बाबा सुमेर सिंह, बद्री नारायण चौधरी प्रेमघन, प्रताप नारायण मिश्र, बालकृष्णभट्ट, राधाचरण गोस्वामी, अंबिकादत्त व्यास, ठाकुर जगमोहन सिंह, भारतेंदु हरिश्चंद्र।

भारतेंदु  हरिश्चंद्र का जन्म काशी में हुआ था। आधुनिक हिंदी साहित्य के जन्मदाता भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कविवचनसुधा, हरिश्चंद्र चंद्रिका, बालबोधिनी पत्रिकाओं का संपादन किया। इन्होंने अपनी नाट्य रचना द्वारा हिंदी में शास्त्रीय नाट्य परंपरा का सूत्रपात किया। भारतेंदु आधुनिक हिंदी नाटक के जन्मदाता माने जाते हैं। 

भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएं

नाटक - वैदिक हिंसा, हिंसा न भवति, चंद्रावली, विषस्थ विषमौघम, भारत दुर्दशा, नीलदेवी, अंधेर नगरी, प्रेम जोगिनी, सती प्रताप, सत्य हरिश्चंद्र, पाखंड विडम्बन आदि।

अंधेर नगरी, भारत दुर्दशा आदि नाटक स्वाधीनता की चेतना के विकास के लिए लिखे गए हैं।  

काव्य रचनाएं - प्रेम माधुरी, प्रेम फुलवारी, प्रेम मालिका, प्रेम प्रताप।

प्रताप नारायण मिश्र - रचनाएं - प्रेम पुष्पावली, मन की लहर, लोकोक्ति शतक, श्रृंगार विलास, दंगल खंड।

My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).

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